क्षेत्रीय विधायक को उदाशीन प्रधान पाठक के गतिविधियों की पूरी जानकारी फिर भी नहीं कोई कार्रवाई…. बतरा/सूरजपुर

विद्यालय से प्रधान पाठक हमेशा रहते हैं नदारद…. कार्यवाही के नाम पर अधिकारी साधे मौन व्रत।

प्रतिदिन स्कूल से डाटा प्राप्त होने के बाद भी क्यों नहीं होती बड़ी कार्यवाही।

मोहन प्रताप सिंह

सूरजपुर /:– जिले के अंतर्गत स्कूलों के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का यह मामला कोई नया नहीं है ऐसे मामले कई स्कूलों में होना आम बात है जो ऐसा ही खेल ग्राम पंचायत बतरा के मोहल्ला ओडार बहरा में संचालित शा.प्रा. शाला पसहलिया पारा में पदस्थ प्रधान पठान मो. इंतकाम खान के द्वारा स्कूल के मासूम बच्चो के भविष्य के साथ खेला जा रहा है।

मामला विकासखंड भैयाथान अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बतरा के मोहल्ला ओडार बहरा में संचालित शा.प्रा. शाला पसहलिया पारा में पदस्थ प्रधान पठान मो. इंतकाम खान के ऊपर कई शिकायक पूर्व में किया जा चुका हैं जिसमे हमेशा जांच में अनुपस्थित पाए गए हैं और उक्त प्रधान पाठक मो. इंतकाम खान के द्वारा अपने आदतों में किसी प्रकार कोई सुधार नहीं किया गया हैं हमेशा विलम से संस्था में आते हैं और कभी कभी आते भी नहीं है दूसरे दिन उपस्थिति पंजी में अपना उपस्थिति दर्ज किया करते हैं हमेशा स्कूल में विलम से 12 से 1 बजे आते हैं जिससे स्कूल के नव निहाल बच्चो की भविष्य अंधकार में डूब रहा है। शासकीय प्राथमिक शाला पसहलिया पारा बतरा के प्रधान पाठक मो .इंतकाम खान है जो आय दिन अनुपस्थित रहते हैं और आते भी है तो विलम से आते है उसका दूसरे दिन उपस्थिति दर्ज करते है उपस्थिति पंजी में अपना हस्ताक्षर करता है।

क्या विकासखंड अंतर्गत अधिकारी ऐसे शिक्षकों को दे रहे हैं संरक्षण

विकासखंड भैयाथान अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बतरा के मोहल्ला ओडार बहरा में संचालित शा.प्रा. शाला पसहलिया पारा में पदस्थ प्रधान पठान मो. इंतकाम खान के द्वारा बच्चों के भविष्य के साथ खेला जा रहा है खिलवाड़ जहां विभागीय अधिकारी ऐसे शिक्षकों को संरक्षण देते हुए कार्यालय में सिर्फ धारण किए हुए हैं मौन जहा शिक्षकों और बच्चों से से बात करने पर उनके द्वारा बताया गया कि यह मामला सही है हमेशा अनुपस्थित रहते हैं वह 1 दिन आते हैं और 4 दिन गायब रहते हैं।

प्रतिदिन स्कूल का डाटा तैयार भेजा जाता है अधिकारियों को

संचालित प्रत्येक स्कूल का रोजाना डाटा तैयार कर संकुल के माध्यम से अधिकारियों को भेजा जाता फिर अधिकारियों के द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है उसे आप बखूबी देखा और समझ सकते हैं मोहब्बत मो. इंतकाम खान जैसे शिक्षकों के हरकत और उनके करतूत को देखकर।

मामला उजागर होने के बाद भी विभागीय अधिकारी हाथों में हाथ डालकर सिर्फ देख रहे हैं तमाशा

जब ऐसे मामले पता चलते हैं उन मामलों को उजागर किया जाता है मीडिया के माध्यम से तो क्या विभाग के अधिकारियों को ऐसे दिशाहीन और अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीन रहने वाले शिक्षकों पर कठोर से कठोर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए कि ऐसे शिक्षकों पर एक मैसेज जाए कि विभाग कुछ भी कार्रवाई करने के लिए सक्षम है जो शिक्षक अपने कार्य के प्रति जिम्मेदारी नहीं बरतते या फिर विभागीय अधिकारी ही ऐसे शिक्षकों को सह देते हैं जो अपने कार्यों के प्रति गंभीर नहीं रहते ऐसे में बच्चों के भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा आप खुद सोच सकते हैं क्योंकि आप एक जिम्मेदार नागरिक हैं और एक जिम्मेदारी भरी नागरिकता का कर्तव्य आपको भी निभाना है लेकिन कैसे जब अधिकारी कान में रुई लगा कर सोते हो।

दर्जनों पंचनामा तैयार कर भेजने के बाद भी कार्रवाई नहीं

मो. इंतकाम खान प्रधान पाठक के द्वारा शाला में विलम से उपस्थित होना या फिर अनुपस्थित होने पर पूर्व संकुल समन्वयक व वर्तमान संकुल समन्वयक राजेश मिश्रा के द्वारा ग्रामवासियों के समक्ष दर्जनों पंचनामा तैयार कर शिक्षा अधिकारी जैसे फूल साय मरावी, घनश्याम सिंह और वर्तमान बीईओ लव कुमार साहू की ओर प्रस्तुत किया लेकिन मजाल है कि अधिकारियों की और से ऐसे शिक्षकों पर करवाई करने की हिम्मत हो पाई।

क्या करते हैं जिम्मेदार अधिकारी

इस संबंध में जब जिला शिक्षा अधिकारी से फोन पर जानकारी ली गई तो उनके द्वारा बताया गया की वर्तमान में आचार संहिता चल रहा है कार्रवाई के लिए फाइल बनाई जाएगी तो फाइल इधर से उधर भटकती रहेगी इसलिए कार्रवाई करना संभव नहीं है ऐसे शिक्षकों पर आचार संहिता की समाप्ति के बाद तत्काल कार्रवाई की जाएगी। *ललित पटेल, जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर, छत्तीसगढ़।*

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