चालू वित्तीय वर्ष में कोल इंडिया ने एसईसीएल को 197 मिलियन टन कोयला खनन का लक्ष्य दिया है। इसे हासिल करने के लिए एसईसीएल आगे बढ़ रही है। दिवाली के पांचवें दिन कंपनी ने 100 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर लिया है। इसकी जानकारी एसईसीएल की ओर से दी गई है। लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कंपनी के पास लगभग साढ़े चार माह का समय है। प्रबंधन को उम्मीद है कि गेवरा, दीपका और कुसमुंडा प्रोजेक्ट के जरिए लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा।कोयला उद्योग में आउट सोर्सिंग का बोलबाला बढ़ रहा है। उत्पादन में ठेका कंपनियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। एसईसीएल की कोरबा एरिया में स्थित मानिकपुर परियोजना ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है।

खदान से लक्ष्य से अधिक कोयला उत्पादन अभी तक किया है। कोरबा एरिया के समक्ष 7 मिलयन टन से अधिक कोयला खनन का लक्ष्य था। एरिया में अभी तक 5.29 मिलियन टन कोयला बाहर निकाला है। जबकि अभी तक यहां से 3.99 एमटी कोयला खनन होना था।00 मिलियन टन के उत्पादन को पार करने में कोरबा कोल फील्ड का योगदान अधिक है। यहां स्थित गेवरा, दीपका और कुसमुंडा के अलावा कोरबा एरिया की खदानों से 77.16 मिलियन टन कोयला खनन किया गया है। मेेगा प्रोजेक्ट ने इसी तरह उत्पादन में कंपनी का साथ दिया तो कंपनी के लिए लक्ष्य हासिल करने में सुविधा होगी।खनन में बढ़ोत्तरी से कंपनी को उद्योगों को कोयला देने में परेशानी नहीं होगी। एसईसीएल अपने कुल कोयला खनन का लगभग 70 फीसदी बिजली घरों को देता है। कोल इंडिया की सहयोगी एसईसीएल ने उत्पादन के क्षेत्र में नया रिकार्ड बनाया है। कंपनी ने सबसे कम समय में 100 मिलियन टन से अधिक कोयला उत्पादन किया है।

Author: Sangam Dubey
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