जनपद पंचायत भैयाथान अंतर्गत अघिना ग्राम पंचायत में हो रहे नाली निर्माण कार्य में खेला जा रहा है भ्रटाचार का खुला खेल।

ग्राम पंचायत सचिव हीरा चंद पैकरा  कहते है जो करना है कर लो निर्माण कार्य इसी स्तर का होगा
मोहन प्रताप सिंह
राजधानी से जनता तक. सूरजपुर/भैयाथान:– जिले के जनपद पंचायत भैयाथान स्थित ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों में मनमाने तरीके से अनियमितता और अनुपयोगी कार्य कराके जहां सरकारी बजट को चूना लगाया जा रहा है, वहीं पंचायत प्रतिनिधि हर काम में कमाई के चक्कर में कायदे कानून ताक पर रखकर कायदे कानून के पालन में लापरवाही बरत रहे हैं। उन्हें न जांच की चिंता है, न अधिकारियों का डर, क्यो की जाँच भी वही के अधिकारी कर्मचारी करते है जो इनके हर काम में शामिल है और जो छूट जाते है वो जाँच के नाम पर अपनी जेब भर कर जांच करते है ग्राम पंचायतों में सरंपच, सचिव और ग्राम रोजगार सहायक, इंजीनियर, पीओ और एसडीओ की चोकड़ी का बेलगाम राज चल रहा है। पहले भी ऐसे तमाम काम कराए गए, जिनमें कमाई का रास्ता नजर आया। यहां तक कि कई अनुपयोगी काम भी करा दिए गए हैं, ऐसे तमाम निर्माण कार्य कराके जिम्मेदारों ने अपना-अपना हिस्सा तो ले लिया पर ये निर्माण कार्य अनुपयोगी पड़े-पड़े बर्बादी की कगार पर हैं या बर्बाद हो गया जहां शिकायतों को अनदेखा करके जिम्मेदार मौन बने हुए हैं। इसे लेकर लोगों में नाराजगी है और कुछ मामलों में अधिकारी दिखावे के लिए कार्रवाई करते है वो भी नाम मात्र का वो भी दिखावे के लिए। ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत अघिना का है जहा ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव और जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा सरकार के पैसा का पलीता लगाया जा रहा है घटिया स्तर का नाली निर्माण कार्य करवा कर।

कही पड़ी दरार तो कही आर पार दिखाई दे रही नाली
नाली निर्माण का काम शुरू जरूर हुआ, परंतु निर्माण के एक हफ्ते के भीतर ही घटिया नाली निर्माण की पोल खुल गई, क्योंकि नालियों में दरारें साफ नजर आ रही है। नाली में निर्माण के दौरान वाइब्रेटर का इस्तेमाल भी नहीं हुआ। जिससे कि कई जगहों पर मसाला नहीं पहुंच पाया है। जिससे छड़ स्पष्ट रुप से बाहर की ओर दिखाई दे रहा है, तो वहीं क्युरिंग के लिए अब तक पानी भी नहीं डाला गया है।

जिम्मेदारों के देख रेख के आभाव में हो रहा है घाटियां निर्माण
नाली निर्माण के स्तर को तस्वीर के माध्यम से आंकलन किया जा सकता है। बताना लाज़मी होगा की निर्माण का काम जारी हुआ परंतु अधिकारियों के देखरेख के अभाव में गुणवत्ताहीन नाली निर्माण जोर शोर से कराया जा रहा है जो कही ना कही घटिया स्तर का निर्माण करवा कर सरकार के पैसा का पलीता लगाया जा रहा है।

जिम्मेदारों के मिली भगत से स्तरहीन निर्माण कार्य लगभग पूरा
आलम यह है कि नाली निर्माण में गुणवत्ताहीन और स्तरहीन गिट्टी, छड़ और सीमेंट का प्रयोग किया जा रहा है। जहा छड़ रेता समेत गुणवत्ताहीन गिट्टी के प्रयोग से बिना वाइब्रेंटर चलाए नाली निर्माण कराया गया है। इसी तरीके से गुणवत्ताहीन सामग्री से ठेकेदार ने नाली निर्माण कार्य को लगभग लगभग पूरा अंजाम दे डाला है। परंतु जिम्मेदार अफसर मौन बैठे हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा मानो जिम्मेदार अधिकारी के सांठ गांठ के चलते ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव के हौसले बुलंद है।

एसडीओ, पीओ और इंजीनियर मानिटरिंग के नाम पर वसूल रहे है मोटी कमीशन
सवाल है कि अगर जिम्मेदार अफसर मानिटरिंग कर रहे है उसके बावजूद निम्न स्तर का निर्माण कार्य कैसे हो रहा है? जहा हो रहे निर्माण कार्यों का लगातार जांच पड़ताल ज़िम्मेदार एसडीओ, पीओ और इंजीनियर के द्वारा किया जाता है तो हुऐ स्तरहीन निर्माण कार्यों का बिल पास कैसे हो जाता है जब तक इन जिमेदारों द्वारा पास नहीं किया जाता ऐसे में तो यही प्रतीत होता है कि निर्माण कार्य जैसे भी हो इन जिम्मेदार अधिकारियों को सिर्फ चढ़ावा चढ़ाव और बिल पास कराओ। ऐसे में जिम्मेदार अफसर के मानिटरिंग पर भी सवाल उठ रहे है वहीं ग्रामीणों की माने तो क्षेत्रीय दबिस होने के चलते ग्रामीण गुणवत्ताहीन कार्य का विरोध नहीं कर पा रहे है। परंतु दबे आवाज में विरोध व गुणवत्ताहीन कार्य की सुगबुगाहट जरूर है।
क्या वास्तविक स्थिति से अवगत हुए बिना ही पूरा हो जाता है मूल्यांकन कार्य
किसी भी निर्माण कार्य की गुणवत्ता का आकलन उपयंत्री द्वारा किया जाता है। नाली निर्माण कार्य का मूल्यांकन भी उपयंत्री या तकनीकी अधिकारी द्वारा किया जाता है। नाली निर्माण के लिए प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा तकनीकी मापदंड और दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं। निर्माण कार्य कराने में इन दिशा-निर्देशों का पालन करना ज़रूरी होता है। प्रत्येक परियोजना के लिए निर्माण कार्य कार्यक्रम तैयार किया जाता है। स्वीकृत कार्य कार्यक्रम के संदर्भ में पीआईयू द्वारा नियमित रूप से कार्य की प्रगति का आकलन किया जाता है। विकास में अतिरिक्त पानी को निकालने के लिए जल निकासी प्रणालियां स्थापित की जाती हैं। यह बाढ़ का पानी, वर्षा जल और विभिन्न प्रकार का अपवाह हो सकता है….. इतने सारे मापदंडों से गुजरने के बाद भी निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार कैसे किया जाता है। सरकार के पैसा का पलीता कैसे लगाया जाता है जिम्मेदारों के द्वारा जबतक उच्चाधिकारियों की खुली सहमति प्रदान न हो ये एक गंभीर सोचनीय विषय है जहा ऐसे उच्चाधिकारी इन गतिविधियों से अवगत हुए बिना ही क्या निर्माण कार्यों के मूल्यांकन जैसे मापदंड को पूरा करते हुए आगे बढ़ते है ?
ग्राम पंचायत सचिव की गर्माहट खुल कर आई सामने
ग्राम पंचायत के सचिव हीरा चंद पैकरा का कहना है की निर्माण कार्य सही स्तर का हो रहा है और दूसरी बात हम आप लोगों से बात ही नहीं करना चाहते आप लोगो को जो करना है कर लीजिए हमारा कुछ नहीं कर सकते हम ऐसे ही निर्माण कार्य कराएंगे। जहां सूत्र बताते हैं कि ग्राम पंचायत सचिव हीरा चंद पैकरा हमेशा अपने कार्य के प्रति उत्तरदायित्वनहीं रहते हैं उन्हें निर्माण कार्यों और न हीं आम नागरिकों के किसी कार्य कोई मतलब है सिर्फ वेतन मिल जाए, कमीशन मिल बात खत्म हो जाता है जहां सिर्फ सरकार के पैसा का पलीता लगाया जा रहा है।
क्या कहते है जनपद पंचायत सीईओ भैयाथान
स्तरहीन नाली निर्माण कार्य की जानकारी प्राप्त हुई है जिसकी प्रारंभिक जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए उपयंत्री को निर्देशित कर दिया गया और पूर्व में उपयंत्री मानवेंद्र सिंह को संबंधित स्थान पर भेजा गया था जहा समझाइए देते हुए लास्ट पेमेंट को ब्लाक कर दिया गया है वही मे खुद नाली निर्माण की वास्तविक स्थिति से अवगत होकर उचित कार्यवाही करूंगा। विनय कुमार गुप्ता, सीईओ जनपद पंचायत भैयाथान जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़।

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