राजधानी से जनता तक । धरमजयगढ़ । वन मंडलाधिकारी धरमजयगढ़, वनमंडल ने जानकारी देते हुए बताया कि वन परिक्षेत्र अधिकारी बोरो के सूचनानुसार 17 नवम्बर को रुवांफूल परिसर के कक्ष क्रमांक 667 आर.एफ. स्थानीय नाम प्रधानझरिया नामक स्थल में वन्यप्राणी जंगली हाथी (नवजात) की मृत्यु की सूचना परिसर रक्षक रुवांफूल द्वारा वन परिक्षेत्राधिकारी बोरो को दिया गया। तत्पश्चात सूचना पाकर वन परिक्षेत्र बोरो अपने अधिनस्थ वन कर्मचारियों के साथ मौका स्थल पर गये।

प्रधानझरिया नामक स्थल कक्ष क्रमांक 667 आर.एफ.में सघन जांच की गई, जिसमें जंगल के अंदर एक मृत वन्य प्राणी हाथी (नवजात) के अवशेष मिले तथा जांच में आस-पास हाथी के दल का विचरण के निशान व जगह-जगह लीद पाये गये। परिक्षेत्र अतंर्गत उक्त कक्ष क्रमांक एवं आस पास में 29 अक्टूबर से 1 नवम्बर तक हाथियों का दल का विचरण था, जिसकी सतत् निगरानी की जा रही थी। मौका स्थल दुर्गम पहाड़ी एवं कलान क्षेत्र है। जांच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही करते हुए रात्रि होने के कारण मौका स्थल में पड़े अवशेष को सुरक्षित निगरानी में वन परिक्षेत्राधिकारी बोरो द्वारा रखा गया।
18 नवम्बर को धरमजयगढ़ वनमंडल एवं उप वनमंडलाधिकारी धरमजयगढ़ की उपस्थिति में पशु चिकित्साधिकारीयों की गठित जिला स्तरीय टीम के सदस्यों के द्वारा मौके पर उपस्थित होकर मृत हाथी (नवजात)के अवशेष का जांच किया गया। मृत हाथी (नवजात) के अवशेष जांच के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट द्वारा यह बताया गया कि प्रथम दृष्टया हाथी (नवजात) की मृत्यु दल के साथ विचरण के दौरान नुकीले ठूंठ में गिरने के कारण हुई है। जांच उपरांत मृत हाथी (नवजात) के अस्थी (बोन)एवं मल (फीकल) का सेम्पल अग्रिम जांच हेतु सुरक्षित रखा गया। तत्पश्चात् जगंल में सुखी लकड़ी सग्रहण कर हाथी (नवजात)के अवशेष को पंचों के समक्ष विधिवत् मृत हाथी (नवजात) के अवशेष का दहन किया गया। मृत हाथी (नवजात)के अवशेष स्थल से क्रमशः 10 मीटर, 100 मीटर एवं 01 किलोमीटर त्रिज्या में सघन जांच ग्रामीणों के साथ किया गया। जिसमें वन्यप्राणी अपराध से संबंधित किसी भी प्रकार की संदिग्ध वस्तु प्रमाण नहीं पाया गया। प्रकरण में हाथी शावक के मृत्यु का पता विलंब से लगने के संबंध में उपवनमंडलाधिकारी धरमजयगढ़ को जांच हेतु लेख किया गया है। प्रकरण में अग्रिम कार्रवाई जारी है।
क्या है पूरा मामला
जिले के जंगलों में विचरण करने वाले जंगली हाथियों की मौत का सिलसिले थमने का नाम नही ले रहा है। रायगढ़ में हाथियों की बढ़ती हुई संख्या से यहां हाथी और मानव के बीच में कभी हाथी तो कभी इंसानों की मौत की खबरें अक्सर सामने आते रही हैं। ताजा घटनाक्रम में धरमजयगढ़ वन मंडल में एक हाथी शावक का एक माह पुराना कंकाल मिलने से वन विभाग में हडकंप मच गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक धरमजयगढ़ वन मंडल के बोरो रेंज के अंतर्गत आने वाले रूंवाफूल बीट के कक्ष क्रमांक 667 के जंगल में हाथी शावक का एक माह पुराना कंकाल मिला है। इस घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग में हडकंप मच गया है। बताया जा रहा है कि जंगल में हाथी शावक का कंकाल मिलने की जानकारी ग्रामीणों ने पहले स्थानीय पत्रकारों को दी जिसके बाद पत्रकारों की एक टीम मौके पर पहुंचे वहीं वन विभाग की एक टीम भी घटना स्थल पर पहुंची। अंदेशा जताया जा रहा है कि उक्त हाथी शावक की मौत 25 दिन पहले हुई होगी।
गांव के ग्रामीणों ने यहां के बीट गार्ड पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि बीट गार्ड कभी भी जंगल भ्रमण करने नही जाते। बल्कि अपने निवास से ही ड्रोन कैमर के जरिये हाथियों के दल पर निगरानी की जाती है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि बीट गार्ड उन्हें धमकी चमकी देकर हाथी के मूवमेंट के बारे में अफवाह नही फैलाने कहा जाता है।
इस संबंध में धरमजयगढ़ वन मंडल के डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि बोरो रेंज के रूंवाफूल बीट के कक्ष क्रमांक 667 में हाथी शव के अवशेष मिले हैं। कुछ सैंपल लेकर लैब भेजा है ताकि हाथी के मौत के कारणों का पता चल सके। इस मामले में उपवनमंडलाधिकारी की अध्यक्षता में एक टीम गठित की गई है, जिसमें जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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