ओपी चौधरी के लिए बड़ी चुनौती अन्तः नहीं मानी गोपिका गुप्ता

रमन सिंह, धर्मेन्द्र प्रधान और मनसुख मांडविया समेत किसी की नहीं सुनी…

राजधानी से जनता तक । रायगढ़ । भाजपा के लिए एक बुरी खबर है और कांग्रेस के लिए एक गुड न्यूज है । मान-मनौव्वल की तमाम कोशिशों के बावजूद श्रीमती गोपिका गुप्ता नहीं मानीं और आखिरकार आज उन्होंने अपना नामांकन पत्र वापस नहीं लिया । गोपिका गुप्ता के स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की बात में अब किसी प्रकार का कोई शक-सुबह की गुंजाईश नहीं बची है। आज कलेक्ट्रेट में काफी चुनावी चहल-पहल रही क्योंकि आज नामांकन वापसी को लेकर कांग्रेस-भाजपा दोनों ही पार्टियों ने चौकस निगाह रखी थी। भाजपा नेता पलक बिछाए कलेक्ट्रेट गोपिका गुप्ता के आगमन की बाट जोह रहे थे।भाजपाई इस बात को लेकर रोमांचित थे कि गोपिका गुप्ता आज चुनाव मैदान से हट जाएंगी मगर हकीकत में हुआ ठीक इसका उलटा । गोपिका गुप्ता अंततः कलेक्ट्रेट नहीं आयी और उन्होंने अपनी नामांकन वापस नहीं लिया। गोपिका की टोह लेने विधायक प्रतिनिधि राजेश भारद्वाज भी डटे रहे। अब गोपिका गुप्ता के बागी होने की खबर से कांग्रेस में अवश्य प्राणवायु का संचार हुआ है। कांग्रेस का मानना है कि गोपिका गुप्ता के निर्दलीय चुनाव लड़ने से भाजपा की उजली संभावनाओं पर बट्टा लगेगा।

वहीं, गोपिका गुप्ता को मनाने के लिए प्रदेश से लेकर केन्द्रीय नेतृत्व ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया लेकिन उन्हें अपने प्रयासों में मायूसी हाथ लगी । गोपिका का यकायक चुनाव मैदान में उतरना महज कोई संयोग नहीं है । गोपिका को चुनाव लड़ाने की स्क्रिप्ट एक महीने पहले तैयार हो चुकी थी। बुधवार को यह चर्चा अवश्य थी कि भाजपा ने श्रीमती गोपिका गुप्ता को मनाने में कामयाबी हासिल कर ली है और वह आज नामांकन वापस ले लेंगी लेकिन भाजपा यहीं गच्चा खा गई। आज सुबह से ही गोपिका अपने पति प्रमोद गुप्ता के साथ भूमिगत हो गयीं।सुबह से ही भाजपा नेता गोपिका को लेकर परेशान रहे और उनका लोकेशन ट्रेस करते रहे और वही हुआ, जिसका भाजपा को डर था। चर्चा है कि संगठन के ही कुछ ताकतवर नेता बैक डोर से गोपिका की न केवल सहायता कर रहे हैं बल्कि चुनाव लड़ने के लिए तमाम प्रकार के संसाधन उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसी बात नहीं है कि बीजेपी को इसकी भनक नहीं है मगर प्रमाण के अभाव में प्रदेश नेतृत्व ने खामोशी की चादर ओढ़ ली है। मालूम हो कि गोपिका गुप्ता के मान-मनौव्वल के लिए केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भरसक प्रयास किया था। श्री प्रधान, रमन सिंह व मांडविया ने गोपिका से फोन पर बातचीत भी की लेकिन गोपिका अपने इरादों से टस से मस नहीं हुईं।

ओपी चौधरी के लिए बड़ी चुनौती

रायगढ़ विधानसभा सीट पर कोलता समाज के तकरीबन 20 हजार मतदाता हैं. ऐसे में गोपिका गुप्ता के निर्दलीय चुनाव लड़ने से कोलता समाज के वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है. गोपिका गुप्ता भाजपा का चर्चित और सक्रिय चेहरा हैं, ऐसे में भाजपा के वोट बैंक को धक्का लग सकता है. वहीं गोपिका ने भी साफ किया है कि उनकी लड़ाई ओपी चौधरी से है. ऐसे में चौधरी के लिए यह बड़ी चुनौती साबित हो सकती है.

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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